हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज : हर व्यक्ति के पास मिनिमम 5 लाख रुपये का मेडीक्लेम या हेल्थ इंश्योरेंस कवर होना चाहिए। इसके अलावा बेहद कम प्रीमियम में ज्यादा हेल्थ कवर लेने के लिए टॉपअप या सुपर टॉपअप कराना भी समझदारी का काम है।
अगर आप ज्यादा प्रीमियम देने में सक्षम हैं तो अपनी जीवनशैली और जरूरतों के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस में ज्यादा कवर ले सकते हैं। ताकि बीमारियों के इलाज और अस्पताल के आपातकालीन खर्चों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
बता दें कि भारत में हर साल मेडिकल इन्फ्लेशन 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। मामूली समझे जाने वाली बीमारी के इलाज में लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। ये लाखों के बिन बुलाये खर्च उच्च मध्य आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग की बचत को चपत लगा रहे हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान बीमारी और इसके महंगे खर्च की आपातकालीन स्थितियों से राहत दिलाने के लिए आपका काफी मददगार हो सकता है।
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Family floater health insurance : लें फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंन्स
Family floater health insurance : अगर आपका बजट कम है। आप हेल्थ इंश्योरेंन्स प्लान के लिए ज्यादा प्रीमियम नहीं देना चाहते। तो आपको पूरे परिवार के लिए फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंन्स प्लान जरूर लेना चाहिए। जो इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है।
पति-पत्नी और दो बच्चों के परिवार के लिए 5 लाख रुपये के कवर वाला बढ़िया हेल्थ प्लान लिया जा सकता है। इसमें कवर हुए परिवार के हरेक सदस्य के इलाज का खर्च इंश्योरेंस कंपनी वहन करती है।
मामूली प्रीमियम में लें दोगुना हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज!
हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज : यहां हमने आपको कम से कम 5 लाख के कवर का हेल्थ इंश्योरेंन्स प्लान लेने की सलाह दी है। अगर आप अपने इसी प्लान को टॉप अप करा दें तो बेहद कम अमाउंट का अतिरिक्त प्रीमियम चुकाकर दोगुना यानी 10 लाख रुपये का हेल्थ कवर लिया जा सकता हैं। कैसे? आइ्रए जानते हैं?
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Base policy vs Top up policy
हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज : मेन हेल्थ पॉलिसी को Base policy कहा जाता है। सामान्य स्थितियों में इस पर मिलने वाला हेल्थ कवर फिक्स यानी तय रहता है। 5 लाख की हेल्थ पॉलिसी कवर का मतलब 5 लाख रुपये के बेस कवर से होता है।
आमतौर पर Family floater health insurance की Base policy से इलाज के खर्च पूरे नहीं हो पाते। वो भी तब जब 5 लाख का बेस कवर हो। अगर किन्हीं हालात में परिवार के एक से ज्यादा या सभी सदस्य हास्पीटलाइज हो जाएं तो ये कवर छोटा पड़ सकता है।
कोरोना काल में ऐसी परिस्थितियां बार-बार देखने में आई हैं कि जब परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित पाए जाने पर हॉस्पीटलाइज हुए हों। प्राइवेट अस्पतालों में होने वाले कोरोना इलाज के लाखों रुपये के खर्च से सभी वाकिफ होंगे।
इसलिए आप जितने कवर की Base policy लें उतने ही अमाउंट का top up भी साथ के साथ करा लें। उदाहरण के तौर पर 5 लाख रुपये की Base policy पर 5 लाख का top up लिया जा सकता है। इसे नई पालिसी को top up policy या Super top up policy भी कहा जाता है।
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Health insurance top up policy पर कितना प्रीमियम?
Health insurance top up policy पर Base policy के प्रीमियम का महज 15 प्रतिशत ही प्रीमियम चुकाना होता है।
उदाहरण के तौर पर किसी ने 5 लाख की Health insurance की Base policy ली है। इस पर उसने 15 हजार रुपये सालाना का प्रीमियम चुकाया हैं। अब पालिसी धारक को इतने ही अमाउंट का कवर लेने के लिए महज 15 प्रतिशत पर ही प्रीमियम देना होगा।
यानी 15 हजार का 15 प्रतिशत या 2250 रुपये अतिरिक्त चुकाकर आप टॉपअप पॉलिसी ले सकते हैं। इस तरह अब 17250 रुपये के सालाना प्रीमियम में पूरे परिवार को 10 लाख का हेल्थ कवर मिल जाता है।
अब अगर आप किन्हीं कारणों से हेल्थ इंश्योरेंस पालिसी लेने में सक्षम नहीं है तो आपको कम से कम कोरोना से कवर दिलाने वाली पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए।
बाजार में अलग अलग इंश्योरेंस कंपनियों की कोरोना कवच और कोरोना रक्षक हेल्थ पॉलिसियां मौजूद हैं। सीमित समय का कवर देने वाली इन पॉलिसियां का प्रीमियम भी कम रखा गया है।
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