Emergency fund in mutual fund : नियमित निवेश के अलावा निवेशकों को आपातकालीन खर्चों के लिए हमेशा कुछ पैसा अलग से रखना चाहिए। ताकि उनके नियमित निवेश पर कोई आंच न आए। तभी निवेशक अपने फाइनेशिंयल गोल को समय पर हासिल कर पाएंगे।
आज के दौर में ज्यादातर युवा प्राइवेट नौकरीपेशा हैं। जब तक कंपनी या इंप्लायर भारी मुनाफे में रहता है तब तक लोगों की नौकरियां सुरक्षित रहती हैं। कोरोना काल में आई बेरोजगारी ने इस कड़वे सच को उजागर कर दिया है। इसलिए Emergency fund in mutual fund बनाना हर किसी की जरूरत बन चुका है।
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Emergency fund कितना होना चाहिए?
Emergency fund तंगहाली में राहत दिलाने में बेहद मददगार साबित होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक आपके पास 6 माह से एक साल के खर्च के बराबर इमरजेंसी फंड होना चाहिए।
नौकरी छूटने या अन्य आकस्मिक खर्चों के वक्त इसी फंड से आप अपनी जरूरतों को पूरा सकेंगे। इसमें इंश्योरेंस की किस्तें, कार-मकान की लोन किस्तें और चालू एसआईपी की किस्तें भी शामिल हैं। अगर आपकी देनदारियां ज्यादा हैं, तब आप एक साल से अधिक का भी इमरजेंसी फंड बना सकते हैं।
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Emergency fund vs investing: जब चाहें तब पैसा निकालें
Emergency fund vs investing : रवि हर महीने इमरजेंसी फंड के लिए 5,000 रुपये का निवेश कर सकता है। वे चाहते हैं कि वह जब चाहें इन पैसों का इस्तेमाल कर सकें। जिसे हम लिक्विडिटी यानी तरलता के नाम से जानते हैं।
इस निवेश पर वह फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) से बेहतर रिटर्न चाहते हैं। बैंक सेविंग और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट में उन्हें उनकी उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं मिल रहा। अब ऐसे में उन्हें कहां पैसा लगाना चाहिए?
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Liquid fund vs FD : FD से बेहतर रिटर्न दिलाए लिक्विड फंड्स
Liquid fund vs FD : म्युचुअल फंड की Liquid fund स्कीम्स इमरजेंसी पैसा रखने का सबसे अच्छा विकल्प है। लिक्विड फंड के पोर्टफोलियो की मैच्योरिटी 91 दिनों या तीन महीनों में होती है। रवि मामूली रूप से ज्यादा रिटर्न के लिए अल्ट्रा-शार्ट डेट फंड्स का रुख भी कर सकते हैं।
इन फंड्स की मैच्योरिटी अवधि 3 माह से लेकर 6 माह तक होती है। हालांकि अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट म्यूचुअल फंड्स में कुछ मात्रा में जोखिम रहता है। इनके रिटर्न पर तीन साल इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ लगता है। जो इनके रिटर्न को महंगाई की मार से बचाता है।
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अन्य निवेशों में हैं ज्यादा जोखिम
अब रवि निवेश सलाहकार की मदद से कोई उम्दा Liquid fund चुनते हैं। इमरजेंसी फंड बनाने के लिए उनका कदम सही है। वे जानते हैं कि ज्यादा रिटर्न के लिए अगर वे निवेश कि किसी अन्य साधन में पैसा लगाते हैं तो वहां ज्यादा रिस्क हो सकता है।
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