म्युचुअल फंड से कमाई : युवावस्था में नौकरी लगते ही Mutual Fund में निवेश शुरू करना बेहद समझदारीभरा फैसला होता है। म्युचुअल फंड में हर आयुवर्ग की जरूरतों और उनके जोखिम लेने की योग्यता के मुताबिक स्कीम्स उपलब्ध हैं।
शादी-ब्याह, मकान बनवाना, कार खरीदना, बच्चों की उच्च शिक्षा के खर्चों को योजनाबद्ध और अनुशासित तरीके के निवेश से पूरा किया जा सकता हैं। यहां तक की रिटायरमेंट बाद के खर्चों और अन्य जरूरतों के लिए भी म्युचुअल फंड में निवेश बेहद उपयोगी होता है।
नौकरीपेशा युवा यदि 30 साल की उम्र से निवेश करना शुरू कर दें तो रिटायरमेंट तक उनके पास निवेशित रहने के लिए 25 से 30 साल तक समय होता है।
30 साल तक म्युचुअल फंड में निवेश करने पर उनके पास मोटा फंड तैयार हो जाएगा। लेकिन निवेश में देरी आपका तगड़ा नुकसान भी करा सकती है, जो लाखों रुपयों में हो सकता है। यकीन नहीं होता न। चलो, आपको इसका गणित भी समझा देते हैं।
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5 साल की देरी कराएगी लाखों का नुकसान
म्युचुअल फंड से कमाई : पचीस-तीस अथवा 20 सालों में भी इन्वेस्टमेंट से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड आसानी से बनाया जा सकता है। मगर अगर निवेश करने में आपने 5 साल की देर कर दी तो आपको लाखों का नुकसान हो सकता है। कैसे, आइए समझते हैं-
अगर कोई व्यक्ति 30 साल की उम्र में 10 हजार रुपये म्युचुअल फंड की एसआईपी में निवेश शुरू करता है तो 30 साल बाद फंड वैल्यू 3 करोड़ 8 लाख 9 हजार 732 रुपये का हो जाएगी। (ये फंड वैल्यू 12 प्रतिशत के अनुमानित कंपाउंड रिटर्न के हिसाब से है।)
अगर मान लेते हैं कि कोई व्यक्ति 5 साल की देरी के बाद यानी 35 साल की उम्र में निवेश शुरू करता है। 25 साल तक 10 हजार रुपये की एसआईपी के निवेश से फंड वैल्यू 1 करोड़ 70 लाख 22 हजार 66 रुपये ही रह जाएगी। (ये फंड वैल्यू 12 प्रतिशत के अनुमानित कंपाउंड रिटर्न के हिसाब से है।)
इस तरह आप देख सकते हैं कि निवेश में 5 साल की देरी से 1 करोड़ 37 लाख 87 हजार 666 रुपये कम मिलेंगे, जो तगड़ा नुकसान है। इसलिए म्युचुअल फंड में जल्द निवेश शुरू करने में ही समझदारी है।
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30 साल बाद कितने पैसों की रहेगी जरूरत
म्युचुअल फंड से कमाई : एक अनुमान के अनुसार जो व्यक्ति मौजूदा समय में परिवार पर 50 हजार रुपये खर्च कर रहा हो तो 30 साल बाद मासिक खर्च 5 लाख 3 हजार रुपये हो जाएगा। यहां अगले 30 सालों में महंगाई दर अनुमानित 8 प्रतिशत सालाना मानी गई है।
अब अगर रिटायरमेंट व्यक्ति की लाइफ एक्सपेक्टेंसी (जीवन प्रत्याशा) 85 साल मान ली जाए। तो उसे कुल आयु तक परिवार सहित घर खर्च चलाने को पर्याप्त फंड की जरूरत होगी। इस हिसाब से 15 करोड़ 9 लाख 39 हजार रुपये के बड़े फंड की जरूरत होगी।
इसका मतलब ये है कि उस व्यक्ति को ऐसे साधन में निवेश करना होगा, जिससे रिटायरमेंट तक 12 प्रतिशत का रिटर्न हासिल हो। साथ ही रिटायरमेंट बाद कुल फंड वैल्यू पर 8 प्रतिशत का कंपाउंड रिटर्न का लाभ उम्र के 85 साल तक मिले।
रिटायरमेंट बाद की इन जरूरतों को म्युचुअल फंड की एसआईपी या लम्प सम निवेश से पूरा किया जा सकता है। 15 करोड़ का कॉर्पस बनाने के लिए आपको करीब 49 हजार रुपये मासिक एसआईपी या 5 लाख 58 हजार रुपये सालाना का निवेश करना होगा।
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एमएफ में निवेश में देरी से होने वाले नुकसान जानने के बाद अब हम आपको म्यूचुअल फंड से कमाई का तरीका बता रहे हैं-
MF में निवेश से दो तरह से कमाई की जा सकती हैं –
1-Dividend option से कमाई
म्यूचुअल फंड से थोड़ा-थोड़ा पैसा कमाने के इच्छुक लोगों को निवेश के समय ही डिविडेंड (लाभांश) ऑप्शन का विकल्प चुनना चाहिए। एसआईपी और एकमुश्त निवेश दोनों में इस ऑप्शन को लिया जा सकता है।
डिविडेंड ऑप्शन के तहत Asset Management Company आपको एक नियमित अंतराल पर लाभांश देती है। यही लाभांश को आपके निवेश से कमाई होती है।
हालांकि डिविडेंड देने के बाद स्कीम की एनएवी में मामूली गिरावट आ जाती है। उस वक्त अगर आपको लाभांश की जरूरत नहीं है तो आप डिविडेंड का दोबारा उसी एमएफ स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
Mutual Fund में Accrual strategy उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जो MF में निवेश बनाये रखना चाहते हैं। साथ ही उससे समय-समय पर कमाई करना चाहते हों।
2-Growth Option से कमाई
Mutual Fund स्कीम में ग्रोथ ऑप्शन चुनने पर आपको स्कीम की कमाई नियमित अंतराल में नहीं मिलती।
आपको मिलने वाला रिटर्न का निवेश उसी प्लान में कर दिया जाता है। वास्तव में MF के ग्रोथ ऑप्शन का मतलब आपके जमा पैसों और रिटर्न दोनों के निवेश से होता है। इस रणनीति के निवेश में आपकी निवेशिकत पूंजी को पंख लग जाते हैं। नतीजतन मुनाफा बढ़ता जाता है।
ग्रोथ ऑप्शन चुनते वक्त निवेश का नजरिया 10 से 15 साल का होना चाहिए। फाइनेशियल गोल बनाकर ग्रोथ ऑप्शन के तहत किए गए इन्वेस्टमेंट में अनुशासन बना रहता है। स्कीम में निवेश के 10 साल बाद आपको यूनिट्स भुनाने पर बहुत अधिक रिटर्न मिलता है। तब ग्रोथ ऑप्शन से मोटी कमाई होती है।
वैसे भी MF निवेश में ग्रोथ रणनीति अपनाना टैक्स के हिसाब से फायदेमंद है। इसके उलट डिविडेंड या एक्रुअल ऑप्शन में आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़े़ेगा।
एसआईपी में मिलता है कंपाउंडिंग का लाभ
म्युचुअल फंड से कमाई : म्युचुअल फंड की एसआईपी की जितनी लंबी निवेश अवधि होती है उतना ही ज्यादा आपको कम्पाउंडिंग का फायदा मिलता है। इसलिए अपने Financial Goal को हासिल करने के लिए जल्द निवेश शुरू करना ही बेहतर है। यह नियम सपनों के घर की डाउनपेमेंट या आपके बच्चों की शिक्षा के लिए भी कारगर है।
बता दें कि अगर आप अगर म्युचुअल फंड में निवेश के इच्छुक हैं तो ऑनलाइन निवेश के लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके लिए NJ India Invest Ltd में E Wealth Account पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। यहां पैन कार्ड, आधार अपलोड कर अपना केवाईसी प्रोसेस पूरा करें।
आपके ईमेल पर अकाउंट का कन्फर्मेशन आते ही आप निवेश के लिए तैयार हो जाएंगे। किसी तरह की असुविधा होने पर आप 7860678995 पर WHATSAPP संपर्क कर सकते हैं। इस पर आपको आजीवन फ्री सलाह दी जाएगी।
उम्मीद है कि आपको “ म्युचुअल फंड से कमाई : Investment में 5 साल की देरी से होगा लाखों का नुकसान” लेख पसंद आया होगा।