Saral Jeevan Bima: इंश्योंरेस पॉलिसी की विविधताओं और मिस सेलिंग से उत्पन्न होने वाले भ्रम से ग्राहकों को बचाने के लिए भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बड़ा कदम उठाया है।
बीमा नियामक संस्था (IRDAI) ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को आगामी 1 जनवरी 2021 तक Saral Jeevan Bima सरल जीवन बीमा लॉन्च करने का आदेश दिया है।
यह एक स्टैंडर्ड टर्म इंश्योरेंस प्लान या स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी होगी। यह नॉन पार्टिसिपेटरी और नॉन लिंक्ड पालिसी होगी। मतलब इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों से मिलने वाले प्रीमियम को कहीं निवेशित नहीं कर सकेंगी।
सरल जीवन बीमा के नाम के ठीक पहले इंश्योरेंस कंपनी का नाम भी लिखा होगा। स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी का अधिकतम सम एश्योर्ड 25 लाख रुपए का होगा।
इरडा की ओर से बयान में सभी इंश्योरेंस कंपनियों को 1 जनवरी 2021 से अनिवार्य रूप से स्टैडर्ड प्रॉडक्ट बेचने की अनुमति प्रदान की गर्इ है।
साथ ही बीमा क्षेत्र में नई उतरने वाली कंपनियों को भी 1 जनवरी तक इस आदेश के तहत सरल जीवन बीमा लॉन्च करना जरूरी होगा। बीमा कंपनियां इस प्लान को 1 दिसंबर 2020 तक फाइल कर सकेंगी।
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क्या है सरल जीवन बीमा की विशेषताएं
1-18 से 65 वर्ष की आयुसीमा के लोगों के लिए उपलब्ध
सरल जीवन बीमा शुद्ध रूप से टर्म लाइफ इंश्योरेंस उत्पाद होगा। इसे 18 से 65 वर्ष के लोग ले सकेंगे।
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इन पॉलिसी की अवधि 4 साल से लेकर 40 साल तक रखी जाएगी।
सरल जीवन बीमा में 5 लाख से 25 लाख तक रुपये का सम एश्योर्ड रखा जाएगा। यानी लोग 50 हजार के गुणक में पॉलिसी खरीद सकेंगे।
2- कोई मेच्योरिटी बेनेफिट नहीं
प्योर टर्म प्लान होने के कारण इसमें कोई मेच्योरिटी बेनेफिट नहीं मिलेगा। यानी पॉलिसी होल्डर के पॉलिसी पीरियड में जीवित रहने पर कोई मेच्योरिटी लाभ नहीं मिलेगा।
पालिसी का वेटिंग पीरियड 45 दिनों का रखा जाएगा। मतलब कि सरल जीवन बीमा खरीदने के 45 दिनों के भीतर पॉलिसी धारक की मौत होने पर नॉमिनी क्लेम नहीं कर सकेगा। यहां यह भी बता दें कि इन 45 दिनों में दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु को ही पॉलिसी में कवर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि अलग-अलग वेटिंग पीरियड का प्रावधान लगभग सभी तरह की बीमा पॉलिसियों में होता है।
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3-आत्महत्या मामले में कोई क्लेम नहीं
Saral Jeevan Bima के तहत आत्महत्या के मामले में कोई क्लेम इंश्योरेंस कंपनी स्वीकार नहीं करेगी। इस पॉलिसी का यह एकमात्र एक्सक्लूजन है।
हालांकि पॉलिसीधारक की पॉलिसी पीरियड के दौरान अगर मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को कवरेज धनराशि के बराबर क्लेम मिलेगा।
अच्छी बात यह है कि Saral Jeevan Bima को कोई भी खरीद सकेगा। इसमें किसी तरह की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता, लिंग अथवा पेशा की पाबंदी का कोई प्रावधान नहीं होगा।
4- कम प्रीमियम में मिलेगी ज्यादा सुरक्षा !
Saral Jeevan Bima का प्रीमियम कितना रखा जाना है, इरडाई ने इस बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं दिए हैं। लेकिन जानकारों का मानना है कि आम लोगों के लिए बनाए जाने वाली इस पॉलिसी का प्रीमियम वाजिब या कम ही रखा जाएगा।
जैसा कि आप जानते हैं अलग-अलग आयुवर्ग के लोगों के लिए पॉलिसी प्रीमियम अलग अलग रखा जाता है। यहां पर भी ऐसा ही प्रावधान होगा।
बता दें कि कोविड-19 के भयावह दौर में इरडाई ने सभी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को अपनी पहले चल रही पॉलिसी में कोरोना संक्रमितों को शामिल करने के आदेश दिए थे।
बीमा नियामक संस्था की इस पहल से बहुत से कोरोना संक्रमितों ने लाभ उठाया है। इरडाई का यह ताजा आदेश भी इसी क्रम में अगला कदम माना जा रहा है।
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5-स्टैंडर्ड पालिसी प्रॉडक्ट से ग्राहकों को आसानी
स्टैंडर्ड पालिसी प्रॉडक्ट होने के कारण लोगों को इसके फायदे समझने में आसानी होगी। कुछ तरह की बीमा पालिसियों के प्रावधानों को समझना लोगों के लिए मुशिकल हो जाता है। इसलिए वे बीमा एजेंटों के भरोसे पॉलिसी ले लेते हैं।
बाद में किसी परेशानी के वक्त जब उन लोगों को पॉलिसी का लाभ नहीं मिलता तो इससे अविश्वास पैदा होता है। जानकारों का मानना है कि इरडा के इस आदेश का लाभ आम लोगों के अलावा इंश्योरेंस कंपनियों का भी बिजनेस बढ़ेगा।
देखने में आया है कि कई बार बीमा एजेंट गलत जानकारी देकर पॉलिसी बेचते हैं। इससे क्लेम सेटलमेंट के वक्त विवाद की स्थिति पैदा हो जाया करती है। Saral Jeevan Bima में इन्हीं विवादों से समाधान देने की कोशिश होगी ताकि बीमा कंपनियों के प्रति अविश्वास को कम किया जा सके।
सरल बीमा योजना में अधिकतम इंश्योरेंस कवर 25 लाख रुपये रखा गया है। जिनके पास कोई टर्म इंश्योरेंस नहीं है उनके लिए कम से कम ये पॉलिसी जरूर होनी चाहिए।
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