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Monday, October 7, 2024

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म्युचुअल फंड के प्रकार : Mutual Fund ke prakar in hindi

तीसरा भाग- म्युचुअल फंड के प्रकार

म्युचुअल फंड के प्रकार : म्‍युचुअल फंड में सभी तरह के निवेशक और हर आयवर्ग के लोग इन्‍वेस्‍ट कर सकते हैं। क्‍योंकि म्‍युचुअल फंड हाउसेज अपनी स्‍कीम्‍स का निर्धारण और बनावट निवेशकों की जरूरतों के अनुसार करते हैं।

स्‍कीम के पोर्टफोलियो निर्धारण में निवेशकों के अलग-अलग जोखिम स्‍तरों, शार्ट टर्म और लॉन्‍ग टर्म इन्‍वेस्‍टमेंट और रिटर्न के नजरिए को भी ध्‍यान में रखा जाता है। ताकि निवेशकों को निवेशित राशि के अनुपात में अधिक से अधिक रिटर्न दिलाया जा सके।

इसलिए एसेट मैनेजमेंट कम्‍पनीज समय- समय पर नए फंड ऑफर भी लाती हैं। म्‍युचुअल फंड की बेसिक जानकारी के बाद आइए जानते हैं कि ये कितने प्रकार के होते हैं।

निवेश के उद्देश्‍यों (Investment Objectives) के अनुसार म्युचुअल फंड्स तीन प्रकार के होते हैं
  1. इक्विटी म्‍युचुअल फंड (Equity Mutual Fund) या ग्रोथ फंड (Growth Fund)
  2. डेट फंड (Debt Fund) या इनकम फंड (Income Fund)
  3. हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) या बैलेंस्‍ड फंड (Balanced Fund)

यह भी पढ़ें- Mutual fund kya hain | What is mutual fund in hindi

1- इक्विटी फंड क्या है : Equity Fund kya hai?

इक्विटी फंड क्या है : म्‍युचुअल फंड की इक्विटी स्‍कीम को दूसरे शब्‍दों में इक्विटी फंड कहते हैं। इक्विटी फंड में निवेश करने का अर्थ है कि निवेशक कंपनियों के बिजनेस में हिस्‍सेदारी ले रहे हैं। यानी निवेशक अप्रत्‍यक्ष रूप से कंपनियों का मालिकाना हक खरीद रहे हैं।

इस सूरत में जब कंपनियां मुनाफे में होती हैं तो निवेशक अच्‍छा रिटर्न कमाते हैं। चूंकि, ओनरशिप निवेशक की ही है, लिहाजा नुकसान का जोखिम रहना स्‍वाभाविक ही है।

इक्विटी फंड्स के पोर्टफोलियो के तहत इनके पैसों का निवेश बड़ी शेयर कंपनियों, स्‍टॉक मार्केट और कनवर्टिबल डिबेंचर्स में किया जाता हैं। ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा रिटर्न हासिल किया जा सके।

लम्‍बे समय की अवधि के निवेश के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड्स बेहतरीन होते हैं। इनमें सर्वाधिक रिटर्न देने की क्षमता और संभावनाएं होती हैं। इसलिए इक्विटी म्युचुअल फंड्स को ग्रोथ फंड्स के नाम से भी जाना जाता है।

यह भी पढ़ें-म्‍यूचुअल फंड सही है,लेकिन किस तरह के निवेशक के लिए? यहां जानें

म्युचुअल फंड के प्रकार : इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेशकों को दो विकल्प दिए जाते हैं। वे अपने मुताबिक डिविडेंड स्कीम या कैपिटल ग्रोथ में कोई एक विकल्‍प चुन सकते हैं।

इस ऑप्शन को वो जब चाहे बदल सकते हैं। डिविडेंड ऑप्‍शन में रिटर्न का कुछ हिस्‍सा निवेशक को कुछ अंतराल में मिला करता है। वहीं, ग्रोथ ऑप्‍शन लंबे समय की अवधि के निवेश के लिए सर्वश्रेष्‍ठ है।

म्युचुअल फंड के प्रकार : परिसंपत्तियों के अुनसार इक्विटी म्युचुअल फंड्स भी कई प्रकार के होते हैं-

1-लार्ज कैप फंड्स या लार्ज कैप स्‍कीम (Large Cap Fund)

2-मिड कैप फंड्स या मिड कैप स्‍कीम  (MidCap Fund)

3- लार्ज एंड मिड कैप फंड्स (Large and Mid Cap Fund)

4-स्मॉल कैप फंड्स या स्मॉल कैप स्‍कीम (Small Cap Fund)

5-मल्‍टीकैप फंड्स या मल्‍टीकैप स्‍कीम (MultiCap Fund)

6-सेक्टर फंड्स  (Sector Fund)

7-थिमेटिक फंड्स (Thematic Funds)

यह भी पढ़ें-Equity mutual fund की एसआईपी क्‍या अभी बंद कर दें? इसमें निवेश कितना फायेदमंद?

इक्विटी फंड्स में किसे करना चाहिए निवेश ?

इक्विटी फंड्स में निवेश उन निवेशकों के लिए सही है जो जोखिम लेने के सक्षम हों। और बेहतर रिटर्न्स पाने के इच्‍छुक हों।

हालांकि, ऊपर बताई गई 7 कैटेगरीज में जोखिम का स्‍तर अलग-अलग रहता हैं। जैसे लार्ज कैप फंड में जोखिम का अनुपात सबसे कम, जबकि सेक्‍टर या थिमैटिक फंड में सबसे ज्‍यादा होता है।

डेट फंड क्या है :  Debt Fund kya hai hindi me?

म्युचुअल फंड के प्रकार: डेट म्युचुअल फंड्स या डेट फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में इन्‍वेस्‍ट करते हैं। इसका पैसा ट्रेज़री बिल्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, कॉर्पोरेट और हाई रेटिंग के बॉन्ड्स,  कंपनियों के डिबेंचर्स जैसे बेहद सुरक्षित साधनों में निवेश किया जाता हैं।

चूंकि, इन तरह के निवेशों की मैच्‍योरिटी तय समय पर होती है और इनके रिटर्न भी लगभग निश्चित रहते हैं। डेट फंड का पैसा इक्विटी में कतई निवेशित नहीं होता। इसलिए शेयर मार्केट के उफान और उथल-पुथल का डेट फंड पर कोई असर नहीं पड़ता।

यह भी पढ़ें- https://aapkapaisahindime.com/mutual-fund-mein-kya-hota-hai-alpha-hindi/

डेट फंड कई प्रकार के होते हैं-

1-गिल्ट फंड  (Guilt Fund)

2-बॉन्ड फंड या हाई यील्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम्‍स (High yield bond schemes)

3-लिक्विड फंड ( Liquid Scheme)

4-अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन (Ultra Short duration Fund)

5-लो ड्यूरेशन (Low duration Fund)

6-शॉर्ट ड्यूरेशन (Short duration Fund)

7-क्रेडिट रिस्क फंड (Credit risk Fund)

डेट फंड में किसे करना चाहिए निवेश

म्युचुअल फंड के प्रकार: डेट फंड में चूंकि, जोखिम सबसे कम रहता है इसलिए रिटर्न भी इक्विटी की तुलना में काफी कम मिलता है। लेकिन, इसका रिटर्न बैंक एफडी से बेहतर ही रहता है। जो लोग ज्‍यादा रिस्‍क लेने के इच्‍छुक नहीं है और नियमित आय पाना चाहते हों, वे डेट फंड में जा सकते हैं।

बता दें कि डेट सिक्योरिटीज की रेटिंग CRISIL, CARE, FITCH, ICRA, जैसी नामी गिरामी रेटिंग एजेंसीज करती हैं। इससे आप फंड की क्रेडिट योग्यता को जांच सकते हैं। ये रेटिंग देखकर आप अनुमान लगा सकते हैं कि आपका निवेशित धन कितना सुरक्षित है।

यह भी पढ़ें- https://aapkapaisahindime.com/sip-vs-lump-sum-hindi/

हाइब्रिड फंड क्या है : Hybrid Fund kya hai  ?

हाइब्रिड या बैलेंस्ड फंड डेट और इक्विटी का मिश्रण होते हैं। इस फंड में इक्विटी और डेट दोनों तरह के एसेट्स में निवेश किया जाता है।  मई 2018 से पहले इन्‍हें बैलेंस्‍ड फंड के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाजार नियामक संस्‍था सेबी के 23 मार्च 2018 के सर्कुलर के बाद हाइब्रिड फंड की कैटेगरी बनाई गई।

सेबी ने 7 हाइब्रिड स्कीमें बनाकर इन्हें अच्‍छे से परिभाषित कर दिया। इनमें एग्रेसिव हाइब्रिड, कंजर्वेटिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड हाइब्रिड, डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी एसेट एलोकेशन, आर्बिट्राज और इक्विटी सेविंग स्कीम का गठन किया गया।

कई बार इन स्‍कीमों में इक्विटी और डेट के अलावा गोल्‍ड एसेट में भी निवेश किया जाता है।

इन सभी 7 हाइब्रिड फंड्स की तालिका नीचे देखें-
  1. एग्रेसिव हाइब्रिड फंड (Aggressive Hybrid Fund)
  2. कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड (Conservative Hybrid Fund)
  3. बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड (Balanced Hybrid Fund)
  4. डायनेमिक एसेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज (Dynamic Asset  allocation or Balanced Advantage Fund)
  5. मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (Multi Asset Allocation Fund)
  6. आर्बिट्राज फंड (Arbitrage Fund)
  7. इक्विटी सेविंग स्कीम (Equity Saving Fund)

हाइब्रिड फंड में निवेश किसके लिए सही है ?

नये और बिल्‍कुल जोखिम नहीं ले सकने वाले निवेशकों के लिए हाइब्रिड फंड सही होते हैं। आप दस्‍तावेज पढ़कर जान सकते हैं कि हाइब्रिड फंड कहां-कहां पैसा निवेश कर रहे हैं।

ऑफर डॉक्युमेंट में पहले ही घोषित किया जाता है कि  आपका कितना पैसा किस स्कीम में लगाया जाएगा। इनका अनुपात कितना है। आमतौर पर इक्विटी और डेट का रेश्‍यो 40:60 होता है।

इस लेख में आपको हमने इक्विटी फंड के प्रकार के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी हैं। अगर आप यहां दी गई जानकारी के आधार पर म्‍युचुअल फंड में निवेश का मन बना रहे हैं, लेकिन आपकी कुछ शंकाएं है तो आप मुझसे 7007367525 पर संपर्क कर सलाह ले सकते हैं।

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यह भी पढ़ें- https://aapkapaisahindime.com/mutual-fund-mein-kya-hota-hai-alpha-hindi/

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