Best Health Insurance plan: महंगाई का असर इलाज में होने वाले खर्चों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। देश में हेल्थकेयर में सालाना 12 प्रतिशत की दर से महंगाई बढ़ रही है। इस लिहाज से बड़ी बीमारी में अस्पताल के इलाज और उनके खर्चों को झेलना सबके बस की बात नहीं है।
बीमारी और दुर्घटना के आकस्मिक खर्चों से निपटने में Best Health Insurance plan का होना बेहद मददगार हो सकता है। आप युवा हों, अकेले हों, शादीशुदा हों या बाल– बच्चोंवाले। आपको इंडविजुअल आधार पर या पूरी फैमिली के लिए हेल्थ पॉलिसी लेनी चाहिए।
अपनी माली हालत और जरूरत के मुताबिक इंश्यारेंस प्लान का चुनाव करना चाहिए, ताकि आप पर ज्यादा वित्तीय बोझ न पड़े।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त आपको किन चीजों का ध्यान रखना हैं, आइए इस बारे में जानते हैं…
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कम प्रीमियम में ज्यादा हेल्थ कवर
हेल्थ प्लान में कम या उपयुक्त प्रीमियम में ज्यादा कवर किस इंश्योरेंस प्लान में दिया जा रहा है, इस बारे में पता लगाएं। इसके लिए अपनी लाइफ स्टाइल, महंगे इलाज के खर्च और जरूरतों का भी ध्यान रखें।
यदि आप उच्चकोटि की लाइफस्टाइल एंज्वॉय करते है तो आपको ज्यादा कवर लेने की जरूरत है। अगर आपने कम कवर का प्लान चुना है तो आपको टॉप अप प्लान भी लेना चाहिए। ये टॉप अप प्लान बेस प्रीमियम से काफी सस्ते पड़ते हैं।
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कितने कवर का इंश्योरेंस प्लान खरीदें?
Best Health Insurance plan: हेल्थ पॉलिसी दो तरह से ली जा सकती है। पहला इंडिविजुअल और दूसरा फैमिली फ्लोटर ।
हर व्यक्ति के पास कम से कम 5 लाख के कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस होना चाहिए। इस तरह की पॉलिसी परिवार के सभी सदस्यों के लिए लेने पर आपको डिस्काउंट भी मिल सकता है।
अन्यथा आप पूरे परिवार सहित (पति–पत्नी और दो बच्चे हों) 5 लाख या इससे ज्यादा कवर वाली फैमिली फ्लोटर पॉलिसी भी ले सकते हैं। फैमिली फ्लोटर पॉलिसी इंडिविजुअल प्लान के मुकाबले बहुत सस्ती पड़ती है। इसे लेने का फायदा ये है कि पॉलिसी में शामिल सभी सदस्यों का इलाज इसमें कवर होता है।
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क्या समएश्योर्ड का रिस्टोरेशन है?
वैसे तो हर पॉलिसी में रिस्टोरेशन बेनेफिट इनबिल्ट होता है, लेकिन ये जितना ज्यादा हो उतना बेहतर है। पॉलिसी का पूरा सम एश्योर्ड खर्च होने के बाद हेल्थ बीमा कंपनियां एक साल के भीतर सम एश्योर्ड के बराबर का अमाउंट रिस्टोर कर देती है।
रिस्टोरेशन का फायदा ये होता है कि अगर किसी सदस्य के इलाज में पूरा सम एश्योर्ड खर्च हो जाए तो अन्य सदस्यों को रिस्टोरेशन का लाभ मिलता है। बता दें कि इस सुविधा के लिए अलग से कोई खर्च नहीं करना पड़ता।
हालांकि, आमतौर पर समान बीमारी और समान रोगी को सम एश्योर्ड के रिस्टोरेशन की सुविधा नहीं मिलती। समान रोग यदि परिवार के अन्य सदस्यों को हो जाए तो रिस्टोरशन बेनेफिट मिलता है।
उदाहरण के लिए इसे समझने के लिए 5 लाख सम एश्योर्ड वाली फैमिली फ्लोटर पॉलिसी को ही लेते हैं। अगर परिवार का एक सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो जाए। उसके इलाज में हेल्थ पॉलिसी का पूरा सम एश्योर्ड 5 लाख रुपया खर्च हो गया।
दुर्भाग्यवश परिवार का अन्य सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हो गया। अब उसके इलाज का खर्च रिस्टोरेशन अमाउंट से ही होगा। बता दें कि कोरोना काल में बहुतों ने रिस्टोरशन बेनेफिट का लाभ उठाया है।
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नो क्लेम बोनस का ख्याल रखें
Best Health Insurance plan: किसी पॉलिसी ईयर में कोई क्लेम नहीं लिया गया हो तो अगले साल सम एश्योर्ड के अमाउंट में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाती है। ये बढ़ोतरी हर साल समान दर से कोई क्लेम न लेने पर पॉलिसी धारक के सम एश्योर्ड में जुड़ती जाती है।
हालांकि, नो क्लेम बोनस सुविधा के लिए रिन्यूअल के वक्त अलग से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता। किसी पॉलिसी ईयर में एक से अधिक कारणों से होने वाले अस्पताली और इलाज के खर्चों में ये फीचर बेहद लाभदायी है। जैसे जैसे साल बढ़ेंगे, No claim bonus बढ़ता जाएगा। बता दें कि मणिपाल सिगना के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में सम एश्योर्ड के 150 प्रतिशत राशि तक का एनसीबी देने का फीचर मौजूद है।
कम वेटिंग पीरियड वाला प्लान चुनें
Best Health Insurance plan: हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां अपने नियम और शर्तों के अनुसार प्लान पेश करती हैं। इसमें वेटिंग पीरियड भी अनिवार्य तौर पर शामिल है। अगर प्लान लेते वक्त कोई बीमारी है तो इसे निर्धारित वेटिंग पीरियड के बाद ही कवर किया जाता है। आमतौर पर अलग अलग हेल्थ प्लान में 2 साल से लेकर 4 साल तक वेटिंग पीरियड रहता है।
मतलब अगर पालिसी लेते वक्त पालिसी धारक डायबिटिक है तो 4 साल का वेटिंग पीरियड गुजरने के बाद उस रोग को कवर किया जाएगा। इसलिए प्लान लेते वक्त आपको कम वेटिंग अवधि वाली पॉलिसी को वरीयता देनी चाहिए। वेटिंग पीरियड की इसी शर्त के चलते लोगों को हेल्थ्ा प्लान जल्द लेने की सिफारिश की जाती है।
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लम्बी अवधि का रिन्यूअल देखें
अच्छे हेल्थ प्लान की खासियत ये भी है कि उसे लम्बे समय तक रिन्यू किया जा सके। बढ़ती उम्र में रोग होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। अगर पॉलिसी में 75 से 80 साल तक रिन्यू कराने का ऑप्शन हो तो उसका चयन बेहतर होता है।
Claim settlement ratio : क्लेम सैटलमेंट रेश्यो का पता करें
Claim settlement ratio हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी में हेल्थ पॉलिसी के क्लेम संख्या के सापेक्ष उनके निपटारे का प्रतिशत ही Claim settlement ratio कहलाता है। यह देखें कि किस
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का Claim settlement ratio बेहतर या सर्वोत्तम है। 90 प्रतिशत से ज्यादा Claim settlement ratio वाली कंपनी का ही चयन करें। चेक करें कि कंपनी ने किस आधार पर क्लेम रिजेक्ट किए हैं। क्या कंपनी ने क्लेम–दावों को वाजिब आधार पर निरस्त किया हैं?
एक्सक्लूजन्स का खास ख्याल रखें
आपकी हेल्थ पॉलिसी में किन चीजों का कवर और खर्च शामिल नहीं हैं, उन चीजों पर जरूर चर्चा करें। ज्यादातर हेल्थ प्लान्स के शुरुआती समय में कुछ तरह के रोगों और ऑपरेशन–सर्जरी को बिलकुल कवर नहीं किया जाता है।
जैसे- हर्निया, मोतियाबिंद,ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, साइनोसाइटिस, गैस्ट्रिक समस्या, कास्मेटिक सर्जरी आदि। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां डेंटल सर्जरी-ट्रीटमेंट, एसटीडी यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीजेस, एचआईवी के खर्च को कतई शामिल नहीं करतीं।
कुछ प्लान मैटरनिटी को कवर करती है जबकि कुछ नहीं करतीं। कुछ प्लान में नवदंपति की संतान के जन्मते ही कवर मिलता है, लेकिन बहुत से प्लान्स में ऐसी सुविधा नहीं होती।
छोटे मोटे खर्चों का कोई प्रावधान हेल्थ पॉलिसी में हैं या नहीं, इसे भी देख लें। इससे क्लेम हासिल करने में कोई नहीं परेशानी न आएं।
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क्या फ्री हेल्थ चेकअप मिलेगा?
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने प्लान्स को आकर्षक बनाने के लिए कई फीचर्स जोड़े हैं। इनमें फ्री हेल्थ चेकअप भी हैं। चेक करें कि क्या नेटवर्क अस्पतालों में पालिसी ईयर में फ्री चेकअप की सुविधा उपलब्ध है।
ऐसा न होने पर देखें कि क्या प्लान में हेल्थ चेकअप के लिए कुछ राशि का भुगतान किए जाने का प्रावधान है कि नहीं। कुछ हेल्थ प्लान में एक्सरसाइज और योगासन करने वालों को हेल्थ रिवार्ड पाइंट्स भी दिए जाते हैं।
इसके लिए फिटनेस टेस्ट भी लिया जाता है। बदले में प्रीमियम के रिन्यूअल के वक्त कुछ प्रतिशत की रियायत दी जाती है।
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Kitana hai Room Rent Cap : कितना है रूम रेंट कैप ?
रूम रेंट लिमिट लगभग सारे हेल्थ इंश्योरेस प्लान्स में होती है। यह लिमिट किसी निश्चित धनराशि पर होती है अथवा कुल राशि का कुछ फीसदी तय की जाती है। अगर आपके हेल्थ प्लान में रूम रेंट लिमिट 2,000 रुपये है, तो आपका प्लान इतनी राशि तक के इन खर्चों को ही कवर करेगा।
हालांकि, अगर लिमिट इंश्योरंस की राशि का 1 फीसदी है और मान लीजिए कि आप 5 लाख का इंश्योरेंस लेते हैं, तो आपको 5000 रुपये तक के रूम रेंट पर कवर मिलेगा। ध्यान रखें कि हेल्थ इंश्योरेंस कवर को चुनते समय जो प्लान लें, उसमें कोई सब-लिमिट न हो।
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